दांत मे दर्द असहनीय पीड़ा करे घरेलू उपाय
प्रकृति ने हमे मोतियों की तरह स्वस्थ्य सुंदर दांत प्रदान किए है तो वही साफ सफाई के अभाव में दाँतो मे सड़न, कैविटी आदि हो जाता है जिससे दाँतो की सुंदरता तो खराब होती ही है सड़न और कैविटी के कारण दाँतो मे असहनीय दर्द होता है और वो दर्द पूरे शरीर को हिला देता है। दांत मे दर्द होने के कारण हम अपनी पूरी दिनचर्या मे कुछ भी करने में सक्षम नही होते है, हमारा पूरा फोकस हमारी दर्द वाली दाँतो पर होता है तो अगर आपको भी हो रही है परेशानी दाँतो से तो कुछ घरेलू उपचार आपके लिए-
दांत की सफाई तथा मजबूती
- नींबू के छिलकों पर थोड़ा सा सरसों का तेल डालकर दांत एवं मसूड़ों को घिसने से दांत सफेद एवं चमकदार होते हैं, मसूड़े मजबूत होते हैं, हर प्रकार के जीवाणुओं का नाश होता है तथा पायरिया आदि रोगों से बचाव होता है। मशीन से दांत की सफाई इतनी हितकारी नही होती है।
- जामफल के पत्तों को अच्छी तरह चबाकर उसका रस मुह में फैला कर थोड़ी देर तक रखकर थूक देने से अथवा जामफल की छाल को पानी में उबालकर उसके कुल्ले करने से दांत के दर्द, मसूड़ों में खून आना, दांत की दुर्गंध आदि में लाभ होता है।
- बड़ और करंज की दातौन करने से दांत मजबूत रहते हैं।
दाढ़ का दर्द
- कपूर की गोली अथवा लौंग या सरसों के तेल या बड़ के दूध में भिगोया हुआ रुई का फाहा अथवा घी मे तली हुई हींग का टुकड़ा दाढ़ के नीचे रखने से दर्द में आराम मिलता है
- अगर आपके दाँतो मे झनझना कर दर्द हो रहा हो तो एक लौंग ले जिस स्थान पर दर्द हो रहा हो उस स्थान पर दबा ले और धीरे धीरे लौंग को चूसते रहे। धीरे धीरे दांत या दाड़ का दर्द कम होगा।
- कच्चे आलू का टुकड़ा अथवा प्याज का टुकड़ा अथवा लहसुन का टुकड़ा उस टुकड़े को या फिर उसका लुगदी बनाकर उस दांत पर रख दे जहां दर्द उठ रहा हो।
- छोटे बच्चो के दाँतो में सड़न कैविटी आदि हो जाना कारण बच्चो को मीठे व चिपचिपे पदार्थो का सेवन कम से कम करने दे और उनके दांतों के सफाई पर ध्यान दे।
रक्त स्त्राव बंद करने हेतु
- नमक के पानी के कुल्ले करने तथा तथा कत्थे अथवा हल्दी का चूर्ण लगाने से गिरे हुए दांत का रक्त स्राव बंद होता है।
- फिटकरी का छोटा सा टुकड़ा पानी मे डाले और उसका कुल्ला करे इससे मसूड़ो में खून निकल रहा हो तो वह बंद हो जायगा साथ ही दांत में दर्द हो दांत से दुर्घन्ध आती हो तो उसमें भी लाभ मिलता है।
दांत क्षत-विक्षत अवस्था में
- तिल के तेल से हाथ की
- उंगली से दिन में तीन बार दांतो एवं मसूढ़ो की मालिश करें। 7 दिन तक बाद बड़ की दातौन को चबाकर मुलायम बनने पर घिसे। तिल के तेल का कुल्ला मुंह में भरकर जितनी देर तक रख सके उतनी देर तक रखें। मुंह आंतों का आयना है अतः पेट की सफाई के लिए छोटी हरड़ चबाकर खाये।
पायरिया
- नीम के पत्तों की राख में कोयले का चुरा तथा कपूर मिलाकर रोज रात को लगाकर सोने से पायरिया में लाभ होता है।
- सरसों के तेल में सेंघा नमक मिलाकर दातों पर लगाने से दाँतो से निकलती हुई दुर्गंध एवं रक्त बंद होकर दांत मजबूत होते हैं तथा पायरिया जड़मूल से निकाल जाता है।
दांत खटा जाने पर
- तिल के तेल में पीसा हुआ नमक मिलाकर उंगली से दातों को रोज घिसने से दांत खटा जाने की पीड़ा दूर हो जाएगी।
दांतों की सुरक्षा हेतु
- भोजन के पश्चात अथवा अन्य किसी भी पदार्थ खाने के बाद गिनकर 11 बार कुल्ला जरूर करना चाहिए। गर्म वस्तु के सेवन के तुरंत पश्चात ठंडी वस्तु का सेवन ना करें। मसूड़ो के रोगी को प्याज, खटाई, लाल मिर्च एवं मीठे पदार्थों का सेवन बंद कर देना चाहिए।
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